फास्ट रीड मोशन (वार्प प्रोटेक्टर मोशन):
यह एक सहायक लूम मोशन होती है। फास्ट रीड मोशन का इस्तेमाल ज्यादातर उस करघे पर किया जाता है जिसका इस्तेमाल भारी वजन के कपड़े को बुनने के लिए किया जाता है। लूज रीड ताना प्रोटेक्टर मोशन वाले लूम हैवीवेट फैब्रिक को बुनने में सक्षम नहीं होते हैं, इसलिए लूज रीड मोशन के स्थान पर फास्ट रीड मोशन का उपयोग करघे में किया जाता है जो कि भारी वजन के कपड़े बुनाई के लिए उपयोगी होती है। फ़ास्ट रीड मोशन मैकेनिज्म शटल के शटल बॉक्स में पहुंचने में विफलता की स्थिति में रीड की बीटिंग से तुरंत पहले करघा को रोक देता है।
फ़ास्ट रीड मोशन तंत्र की संरचना:
यह मैकेनिज्म लूज रीड मोशन से बिल्कुल अलग होता है। करघे पर एक स्टॉप रॉड लगा होता है। यह स्टॉप रॉड स्ले के नीचे चलती है। इस स्टॉप रॉड पर दो फिंगर लगी होती हैं। शटल बॉक्स के प्रत्येक तरफ एक फिंगर फिट की जाती है। प्रत्येक फिंगर शटल बॉक्स में लगे स्वेल के बिपरीत दिशा में दबाती है। एक ही स्टॉप रॉड पर दो डैगर भी लगे होते हैं। शटल बॉक्स के प्रत्येक तरफ एक डेगर लगाया जाता है। डेगर इस तरह से लगाए जाते हैं कि वे फ्रॉग के सामने रहते हैं। यह फ्रॉग करघे के किनारे की दीवार पर लगाया जाता है। यह स्लाइडिंग फ्रॉग एक ब्रेक लीवर भी अपने साथ रखता है। ब्रेक लीवर का अगला सिरा एडजस्टेबल बोल्ट को छूता है जो शटल के फंसने की स्थिति में शुरुआती हैंडल को बंद कर देता है। ब्रेक लीवर का पिछला सिरा ब्रेक असेंबली से जुड़ा होता है। एक स्पाइरल स्प्रिंग डैगर से जुड़ा हुआ होता है। स्लाइडिंग डैगर दो लंबवत स्प्रिंग्स को छूता है।
फास्ट रीड मोशन मैकेनिज्म का कार्य सिद्धांत:
जब वेफ्ट इंसर्शन के दौरान शटल, एक शटल बॉक्स से दूसरे शटल बॉक्स में जाता है, तो प्रत्येक शटल बॉक्स में लगा हुआ स्वेल बॉक्स में शटल की उपस्थिति को महसूस करता है। डैगर पर लगा स्पाइरल स्प्रिंग लगातार फिंगर पर दबाव डालता है। शटल बॉक्स में लगे स्वेल को फिंगर दवाकर रखती है। जब शटल बॉक्स तक पहुँचती है, तो यह स्वेल को दबाती है। जैसे ही शटल द्वारा स्वेल को दबाया जाता है, फिंगर आंशिक घूर्णन गति प्राप्त करती है। चूंकि इस फिंगर का एक सिरा डैगर से जुड़ा होता है इसलिए डैगर ऊपर उठ जाता है। अब यह डैगर बिना फ्रॉग को छुए उसके ऊपर से निकल जाता है। इस प्रकार स्लाइडिंग फ्रॉग को किसी भी प्रकार की गति प्राप्त नहीं होती है और स्टार्टिंग हैंडल की स्थिति अपरिवर्तित रहती है। लूम का चलना जारी रहता है।
अब मान लीजिए कि करघा लगातार चल रहा है। यदि शटल किसी कारणवश शटल बॉक्स तक पहुँचने में विफल हो जाता है, तो शटल बॉक्स में लगा हुआ स्वेल शटल द्वारा दबाया नहीं जाता है। चूंकि फिंगर , स्वेल के माध्यम से आंशिक घूर्णन गति प्राप्त करती है और यह डैगर को ऊपर की पोजीशन तक उठाने में मदद करती है ताकि डैगर स्लाइडिंग फ्रॉग के सामने रहे। अब डैगर , स्लाइडिंग फ्रॉग को धक्का देता है। स्लाइडिंग फ्रॉग स्टार्टिंग हैंडल पर लगे एडजस्टेबल बोल्ट के माध्यम से स्टार्टिंग हैंडल को नॉक कर देता है। ब्रेक असेंबली से जुड़े ब्रेक लीवर का पिछला सिरा लूम ब्रेक को तुरंत सक्रिय करता है। करघे को बीटिंग मोशन को पूरा किए बिना ही रोक दिया जाता है। चूंकि करघा अचानक बंद हो जाता है, इसलिए करघे के विभिन्न हिस्सों पर एक भारी झटका लग लगता है। यह झटका स्लाइडिंग फ्रॉग के पीछे लगे दो ऊर्ध्वाधर स्प्रिंग्स द्वारा अवशोषित होता है।
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